राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 11 मई (National Technology Day 11 may in Hindi)
हेलो दोस्तों, सबसे पहले नेशनल टेक्नोलॉजी 11th मई दिन कि आपको ढेर सारी शुभकामनाएं, में आपके लिए आज के टॉपिक (topic) में पेश कर रहा हूं राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 11 मई (National Technology Day 11 may in Hindi) यानी हिंदी में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (National Technology Day) की कुछ महत्वपूर्ण बातें| तो बिना देरी किए चलिए जल्द से जल्द शुरू करते हैं की नेशनल टेक्नोलॉजी डे (National Technology Day) हर साल 11 मई को क्यों बनाया जाता है?, इसका इतिहास क्या है? और इसका महत्व क्या है?
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का इतिहास (History of National Technology Day In Hindi)
हर साल 11 मई को पोखरण परमाणु परीक्षण और अंतरिक्ष में भारत की तकनीकी प्रगति की वर्षगांठ होती है। 11 मई 1998 को, भारत ने राजस्थान के पोखरण में भारतीय सेना, एयरोस्पेस इंजीनियर (Aerospace engineer) और राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी के नेतृत्व द्वारा पोखरण टेस्ट रेंज में एक ऑपरेशन शक्ति मिसाइल को सफलतापूर्वक निकाल दिया था। पोखरण में पाँच परमाणु परीक्षणों में से यह पहला था।
बाद में, प्रधान मंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी ने भारत को परमाणु राज्य घोषित किया। इसने भारत को अन्य देशों के परमाणु क्लब में शामिल होने वाला छठा देश बना दिया। इसलिए, भारत में, 1998 से, 11 मई को देश के इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और तकनीशियनों द्वारा इन अपार सफलता उपलब्धियों के आधार पर, अटल बिहारी वाजपेयी ने 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (National Technology Day के रूप में घोषित किया और तब से यह दिन राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (National Technology Day के रूप में मनाया जाता है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाने का उद्देश्य (Objective of celebrating National Technology Day in Hindi):-
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी (National Technology Day) दिवस मनाने का उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की उपलब्धियों को उजागर करना है। रक्षा मिसाइलों के परीक्षण के अलावा, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने त्रिशूल मिसाइल की अंतिम परीक्षण-अग्नि को भी पूरा किया जो भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना द्वारा पेश की गई थी।
इस दिन, वर्ष के सबसे उल्लेखनीय व्यक्तियों, संस्थानों और व्यवसायों को सम्मानित किया जाता है। लोगों को उनके योगदान के लिए भारत के राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाता है ताकि वे अपने शोध में अधिक उत्कृष्टता प्राप्त कर सके। पटकथा लेखन, भाषण, चित्रकला या निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है।
तो दोस्तों, अगर आपको यह पोखरण परीक्षण कैसे पार किया था इसके बारे में और ज्यादा अच्छे से समझना है तो आप परमाणु मूवी (Parmanu The Story of Pokhran movie) देख सकते हो|अगर आपको मेरा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इस वेबसाइट को SUBSCRIBE जरूर करें ताकि आपको मेरे नए लेख का e-mail मिल सकें, और Please इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा Like और Share करें। यदि आपको किसी भी प्रकार की हमसे कोई शिकायत है, या आपके पास इस लेख के बारे में कोई महत्वपूर्ण जानकारी है, और आप वह अमूल्य जानकारी हमारे साथ साझा (share) करना चाहते हो, या फिर आप किसी नई तकनीक से संबंधित लेख के बारे में अधिक जानना चाहते हो, तो आप बेझिझक हमसे InTechnologies.in पर संपर्क (Contact Us) कर सकते हैं, हम आपकी मदद करने में प्रसन्न होंगे।
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